आंसू जब सम्मानित होंगे, मुझको याद किया जाएगा,
जहाँ प्रेम की चर्चा होगी, मेरा नाम लिया जाएगा।
मान पत्र मैं नहीं लिख सका, राजभवन के सम्मानों का,
मैं तो आशिक रहा जन्म से, सुन्दरता के दीवानों का।
लेकिन था मालुम नहीं ये, केवल इस गलती के कारण,
सारी उम्र भटकने वाला, मुझको शाप दिया जाएगा॥
खिलने को तैयार नहीं थी, तुलसी भी जिनके आँगन में,
मैंने भर–भर दिए सितारे, उनके मटमैले दामन में।
पीड़ा के संग रास रचाया, आँख भरी तो झूम के गाया,
जैसे मैं जी लिया किसी से, क्या इस तरह जिया जाएगा॥
काजल और कटाक्षों पर तो, रीझ रही थी दुनिया सारी,
किंतु मैंने बरसने वाली, आँखों की आरत्ती उतारी।
रंग उड़ गए सब सतरंगी, तार हर साँस हो गई,
फटा हुआ यह कुर्ता अब तो, ज्यादा नहीं सिया जाएगा॥
जब भी कोई सपना टूटा, मेरी आंख वहां बरसी है,
तड़पा हूँ मैं जब भी कोई, मछली पानी को तरसी है।
गीत दर्द का पहला बेटा, दुःख है उसका खेल खिलौना,
कविता तब मीरा होगी, जब हंसकर जहर पिया जाएगा ॥
"मुझ को याद किया जाएगा"
अगस्त 24, 2008 sharmayogesh द्वारा
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